Waqt Shayari in Hindi

वक़्त पड़ जाए तो जाँ से भी गुज़र जाएँगे, हम दिवाने हैं मोहब्बत के अदाकार नहीं.


हम तो गुम थे किसी की खामोशी में आपने याद दिलाया तो वक़्त याद आया .


इस क़दर प्यार से ऐ जान-ए-जहाँ रक्खा है, दिल के रुख़सार पे इस वक़्त तेरी याद् ने हाथ.


मिलने मिलाने में वक़्त जाया ना कर, आ मेरे दिल में बस जा सदा के लिए.


वक़्त का तकाज़ा है के फिर महफ़िल सजे फिर उनकी निग़ाह हम पे पड़े, फिर उनकी बात चले। वक़्त और हालात दोनी ही बदल जाते हैं, मँज़िलें रह जाती हैं, लोग बिछड़ जाते हैं.


वक़्त सी फ़ितरत नहीं मेरी के बुलाने से भी ना आऊँ, आप आगाज़ करो हम अंजाम तक साथ रहेंगे.


वक़्त की तिज़ोरी में बंद कर दिए सब लम्हे खुशनुमा, अपने हालातों को तेरी चाहत से वाकिफ़ नहीं कराते हम.


दाग दामन के हो, दिल के हों के चेहरे के ‘फ़राज़’, कुछ निशान वक़्त की रफ़्तार से लग जाते हैं.


कोई शाम के वक़्त आएगा लेकिन, सहर से हम आँखें बिछाए बैठे हैं.


खत्म हो जाता है ज़खीरा-ए-अलफ़ाज़ उस वक़्त, जब कोई पूछ लेता है दर्द-ए-इश्क़ के मायनें मुझसे.


मेहरबाँ हो के बुला लो मुझे चाहो जिस वक़्त,मैं गया वक़्त नहीं हूँ कि फिर आ भी न सकूँ.


चढ़ने दो अभी और ज़रा वक़्त का सूरज।। हो जाएँगे छोटे जो अभी साये बड़े हैं.


हर गुज़रते हुए पल का तुझे देना है हिसाब।। ज़िंदगी का ये सफ़र वक़्त-गुज़ारी तो नहीं.


चमक यूँ हि नही आती है, खुद्दारी के चेहरे पर ।।  अना को हमने दो-दो वक़्त का फाका कराया है.


Waqt ki raftaar ruk gayi hoti, Sharam se aankhein jhuk gayi hoti, Agar dard janti shamma parwaane ka,To jalne se pehle hi woh bujh gayi hoti.


Talash hai ek aise shaks ki, Jo aankho mai us waqt dard dekh sake, Jab sab log mujse khete hain, Kya yaar hamesha hansti rehti ho.

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