सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न समझा,जमाना तो आज भी मुझे तेरा दीवाना कहता है.
सुना है आजकल तेरी मुस्कुराहट गायब हो गयी है तू कहे तो फिर से तेरे क़रीब आ जाऊँ
हम भी मौजूद थे तकदीर के दरवाजे पे, लोग दौलत पर गिरे और हमने तुझे माँग लिया.
तुझे देखते ही ‘चमक उठता’ हूँ मैं तू चाँद है जैसे मेरे दिल के आसमान का.
मुझको फिर वही सुहाना नजारा मिल गया, इन आँखों को दीदार तुम्हारा मिल गया,अब किसी और की तमन्ना क्यूँ मैं करूँ,जब मुझे तुम्हारी बाहों का सहारा मिल गया.
जाने क्या कशिश है उसकी मदहोंश आँखों में, नजर अंदाज जितना करो नज़र उस पे ही पड़ती है.
ये कागज़ का पन्ना आज भी तेरी_खुशबु से “महक” रहा है, जिसपे कभी तूने मजाक में { i_Love_u } लिखा था.
तुम खुश-किश्मत हो जो हम तुमको चाहते है वरना, हम तो वो है जिनके ख्वाबों मे भी लोग इजाजत लेकर आते है.
तू मिले या ना मिले ये तो और बात है, मैं कोशिश भी ना करूँ, ये तो गलत बात है.
इतना किसी को सताया नहीं करते हद से ज़्यादा किसी को तड़पाया नहीं करते जिनकी साँसें चल्ती हों आपके लफ़्हज़ों से उन्हे अपनी आवाज़ के लिये तरसाया नहीं करते.
मेरे हर एक मर्ज की उसके पास हैं दवा मिलते ही उससे हर दर्द हो जाता है हवा.
पता नहीं ये मोहब्बत है या नादानी मेरी पर हर वक़्त तेरे बारे में सोचना अच्छा लगता है.
न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर तेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है.
खुदा की फुर्सत में एक पल _आया होगा, जब उसने तुझ जैसा प्यारा इंसान बनाया होगा, न जाने कौन से दुआ कुबूल हुई हमारी, जो उसने मुझे_ तुझसे मिलाया होगा.