Pyar ka Izhaar Shayari in Hindi

इज़हार क्यों किया था,इकरार क्यों किया था, जब जाना बहुत दूर,फिर प्यार क्यों किया था, ना थी कोई रंजिश,और ना थी कोई शिकायत, जब हार गया दिल तुझपे,ये वार क्यों किया था.


तुझसे मैं इज़हार -ए-मोहब्बत इसलिए भी नहीं करता सुना है बरसने के बाद बादल की अहमियत नहीं रहती.


मेरी फितरत में नहीं अपने ग़म का इज़हार करनाअगर उसके वजूद का हिस्सा हूँ मैं तो खुद महसूस करे वो तकलीफ मेरी.


तमन्ना है मेरे दिल की सनम एक बार हो जाये। जाते जाते दुनिया से तेरा दीदार हो जाये। मुहब्बत मैं भी करती हूँ मुहब्बत तुम भी करते हो। ज़माने से है क्या डरना चलो इज़हार हो जाये.


ग़म का इज़हार भी करने नहीं देती दुनिया और मरता हूँ तो मरने नहीं देती दुनिया.


जब से बसे हो निगाहों में नजर कुछ और आता हीं नहीं दीवानगी का आलम तो देखिए तुझ बिन रहा जाता नहीं I Love You.


आँखों की गहराई को समझ नहीं सकते, होंटो से कुछ कह नहीं सकते,  कैसे बयां करे हम आपको ऐ हल-ए-दिल की, तुम्ही हो जिसके बगैर हम रह नहीं सकते.


Kuch door mere saath chalo, Hum saari kahani keh denge, Samjhe na tum jise aankhon se, Wo baat muh Jubaani keh denge.


कुछ दूर मेरे साथ चलो हम सारी कहानी कह देंगे, समझो न तुम जिसे आँखों से, वो बात मुँह जुबानी कह देंगे, आई लव यू माय लव.


इश्क़ वही है जो हो एक तरफा, इज़हार-ऐ-इश्क़ तो ख्वाहिश बन जाती है, है अगर मोहब्बत तो आँखों में पढ़ लो, ज़ुबान से इज़हार तो नुमाइश बन जाती है.


Ankho se aankhe milakar to dekho, Humare dil se dil milakar to dekho , Saare jaha ki khushiya tere daaman me rakh denge, Humse pyaar ka izhaar karke to dekho.


एक नज़र की आस में खुद रह जाओ गे, इस तरह मत देखो वरना देखते रह जाओ गे, बिना झिझक कह दो आज अपने दिल की बात, सोचो गए तो ज़िन्दगी भर सोचते रह जाओ गे.

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