Dushmani Shayari in Hindi

Dushmani Shayari in Hindi

Enemies Shayari in Hindi

हम तो दुश्मनी भी दुश्मन की औकात देखकर करते है बच्चो को छोड देते है और बडो को तोड देते हे.


जो दिल के हैं सच्चे उनका दुश्मन पूरा जमाना हैं, इस रंग बदलती दुनिया का यही सच्चा फ़साना हैं.


अब काश मेरे दर्द की कोई दवा न हो बढ़ता ही जाये ये तो मुसल्सल शिफ़ा न हो बाग़ों में देखूं टूटे हुए बर्ग ओ बार ही मेरी नजर बहार की फिर आशना न हो.


ये कह कर मुझे मेरे दुश्मन हँसता छोड़ गए, तेरे दोस्त काफी हैं तुझे रुलाने के लिए.


मेरे दुश्मन भी, मेरे मुरीद हैं शायद, वक़्त बेवक्त मेरा नाम लिया करते हैं, मेरी गली से गुज़रते हैं छुपा के खंजर, रु-ब-रु होने पर सलाम किया करते हैं.


दुश्मनों की महफ़िल में चल रही थी, मेरे कत्ल की तैयारी, मैं पहुंचा तो बोले यार, बहुत लम्बी उम्र है तुम्हारी.


मुझसे दोस्ती ना सही तो दुश्मनी भी ना करना क्यूंकि में हर रिश्ता पूरी शिददत से निभाता हूँ.


लोग कहते हैं कि इतनी दोस्ती मत करो, कि दोस्त दिल पर सवार हो जाए, मैं कहता हूँ दोस्ती इतनी करो, कि दुश्मन को भी तुमसे प्यार हो जाए.


देख ली देख ली बस हम ने तबीअत तेरी हो न दुश्मन के भी दुश्मन को मोहब्बत तेरी.


दुश्मन और सिगरेट को जलाने के.


मेरे दुश्मन न मुझ को भूल सके वर्ना रखता है कौन किस को याद. बाद उन्हे कुचलने का मज़ा ही कुछ और होता है.


तड़पते है नींद के लिए तो यही दुआ निकलती है बहुत बुरी है मोहबत, किसी दुश्मन को भी ना हो.


कितने झूठे हो गये है हम, बच्चपन में अपनों से भी रोज रुठते थे, आज दुश्मनों से भी मुस्करा के मिलते है.


पूछा है ग़ैर से मिरे हाल-ए-तबाह को, इज़हार-ए-दोस्ती भी किया दुश्मनी के साथ.


आदमी आदमी का दुश्मन है जाने हो मेहरबाँ ख़ुदा कब तक.


उम्र भर मिलने नहीं देती हैं अब तो रंजिशें वक़्त हम से रूठ जाने की अदा तक ले गया.


दोस्तो ने दिया है इतना प्यार यहाँ, तो दुश्मनी का हिसाब क्या रखें, कुछ तो जरूर अच्छा है सभी में, फिर बुराइयों का हिसाब क्यों रखें.


ग़ुंचों का फ़रेब-ए-हुस्न तौबा काँटों से निबाह चाहता हूँ धोके दिए हैं दोस्तों ने दुश्मन की पनाह चाहता हूँ.


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प्यार, एहसान, नफरत, दुश्मनी जो चाहो वो मुझसे करलो आप की कसम वही दुगुना मिलेगा.


देखा तो वो शख्स भी मेरे दुश्मनो में था, नाम जिसका शामिल मेरी धड़कनों में था.

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