उस घडी मेरा इश्क हदें भूल जाता था, जब लडते लडते वो कहती थी लेकिन प्यार मैं ज्यादा करती हू तुमसे..
चल कोई बात नही जो तु मेरे साथ नही लेकिन यह बंदा तेरे लिये रोये ऐसी तेरी ओकात नही।
मै शायर नही बस दिल के अहसासो को शब्दो का रूप दे देता हूँ.. जहाँ दिख गये हसीन चेहरे थोडी बहुत आवारगी कर लेता हूँ…
जिस शहर में तुम्हे मकान कम और शमशान ज्यादा मिले… समझ लेना वहा किसी ने हम से आँख मिलाने की गलती की थी.
आज फिर तन्हा रात में इंतज़ार है उस शख्स का, जो कहा करता था तुमसे बात न करूँ तो नींद नहीं आती.
हजारो दुआओ में मांग कर भी वो मेरी न हो सकी, एक खुशनसीब ने बिना मांगे उसे अपना बना लिया.
मैं इस काबिल तो नही कि कोई अपना समझे…. पर इतना यकीन है… कोई अफसोस जरूर करेगा मुझे खो देने के बाद.
जिस मोहब्बत में दीवानगी ना हो, वोह मोहब्बत ही नही.
अब किसी और से मोहब्बत कर लूं, तो शिकायत मत करना ये बुरी आदत भी मुझे तुमसे ही लगी है.
अर्ज़ किया है.. ज़िन्दगी में अगर ग़म न होते.. तो शायरों की गिनती में हम न होते.
अगर कहो तो आज बता दूँ मुझको तुम कैसी लगती हो। मेरी नहीं मगर जाने क्यों, कुछ कुछ अपनी सी लगती हो.
अजीब तमाशा है मिट्टी से बने लोगो का, बेवफाई करो तो रोते है और वफा करो तो रुलाते है.
आज टूटा एक तारा देखा, बिलकुल मेरे जैसा था। चाँद को कोई फर्क नहीं पड़ा, बिलकुल तेरे जैसा था.
इतनी कामीयाबि हाँसिल करूंगा की तु जे माफी मांगने के लिये भी लाईन मेँखडा होना पडेगा.
देखकर तुमको अकसर हमें एहसास होता है कभी कभी ग़म देने वाला भी कितना ख़ास होता है.