Aansoo Shayari in Hindi

सुहाना मौसम था हवा में नमी थी आँसुओ की बहती नदी अभी अभी थमी थी, मिलने की चाहत बहुत थी उनसे पर उनके पास वक़्त और हमारे पास सांसो की कमी थी.


भीगी भीगी सी ये जो मेरी लिखावट है, स्याही में थोड़ी सी मेरे अश्कों की मिलावट है.


अपनी तो “ज़िन्दगी“ की अजीब कहानी है जिस चीज़ की चाहा है वो ही ”बेगानी” है हँसते भी है तो दुनिया को ”हँसाने” के लिए वरना दुनिया डूब जाये इन आखों में इतना पानी है.


किसी को बताने से मेरे अश्क़ रुक ना पायेंगे, मिट जायेगी जिंदगी मगर ग़म धुल न पायेंगे.


अश्क़ ही मेरे दिन हैं अश्क़ ही मेरी रातें, अश्कों में ही घुली हैं वो बीती हुयी बातें.


वो अश्क बन के मेरी चश्म-ए-तर में रहता है, अजीब शख़्स है पानी के घर में रहता है.


मेरे आँशुओं की कीमत, तुम चुका न पाओगे, मोहब्बत न ले सके, तो दर्द क्या खरीदोगे.


डूब जाते हैं उम्मीदों के सफ़ीने इस में, मैं नहीं मानती आँसू ज़रा सा पानी है.


मुझे न जाने उस पर इतना यकीन क्यों है, उसका ख्याल भी इतना हसीन क्यों है, सुना है प्यार का दर्द मीठा होता है, तो आँख से निकला आँसू नमकीन क्यों है.


जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें; आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगें; ये मत पूछना किस-किस ने धोखा दिया; वर्ना कुछ अपनों के चेहरे उतर जायेंगें.


Bedard Zamane Ka Bahana Sa Bana Kar, Hum Toot Ke Rote Hain Teri Yaad Me Aksar.

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